So Anna is going to create his new team. Let’s see who will be the members of this team. Anna Hazare also stated that he is planning to open an office in New Delhi.
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What Will Be the Name of the Party Formed my Team Anna?
Hello Friends…
What Will Be the Name of the Party Formed my Team Anna?
Will it be Anna Party or Jan Lokpal Party?
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Message to Sri Arvind Kejriwal
Hello Sir,
First of all a big Salute to Mr.Kejriwal.
Pl. send me his Email ID.
You r such a highly qualified man , who could have earned crores of money but you chose to eradicate corruption
from our society.
This itself shows that you r a great son of India.
Aise beton par Bharar Maa ko garv hai.
aap ke saath puri duniya ki shubhkamna hai.
aap is kaarya me jaroor safal honge.
Mera shat shat naman sweekar kijiye.
Reply Letter of Arvind Kejriwal to Rajya Sabha
सेवा में,
श्री मुकुल पांडे
निदेशक,
राज्यसभा सचिवालय
मुझे आपकी तरपफ से श्री राजनीति प्रसाद एवं प्रोपफेसर रामकृपाल यादव द्वारा प्रेषित नोटिस प्राप्त हुए हैं, जिनमें मुझ पर ये आरोप लगाया गया है कि मैंने संसद का अपमान किया है। मैं इस बात का पूरी तरह से खंडन करता हॅूं कि मैंने अपने शब्दों या किसी कार्य से संसद का अपमान किया है।
मैं संसद की बहुत इज्जत करता हूँ संसद का बहुत सम्मान करता हूँ , मैं संसद को जनतंत्रा के मंदिर की तरह मानता हूँ । इसीलिए मुझे अत्याध्कि चिंता और दर्द है कि जनतंत्रा के इस मंदिर को आये दिन अपने कृत्यों से अथवा अपने शब्दों से संसद के अंदर बैठे कुछ लोग अपमानित करते है । विभिन्न तथ्य औ र घटनाएं ये दर्शाती हैं कि संसद का अपमान संसद के बाहर के लोगों की बजाय संसद के अंदर बैठे कुछ लोग कर रहे हैं। मैं संसद का सम्मान करता हूँ , कई अच्छे सांसदों का सम्मान भी करता हूँ , पर कुछ सांसदों का सम्मान करने में असमर्थ हूँ । अभी हाल ही में एक पिफल्म रिलीज़ हुई जिसका नाम है ‘पान सिंह तोमर’। इस पिफल्म में एक डायलॉग है- बीहड़ में बागी रहते हैं, डाकू तो संसद में रहते हैं। मैंने ये पिफल्म तीन बार देखी। जब-जब हीरो ये डायलॉग बोलता है तो पूरा हॉल तालियों से गूंज उठता है। हर बार तालियॉं सुनकर बहुत पीड़ा हुई। ऐसा क्यों हुआ कि जब हीरो ने संसद में डाकुओं के होने की बात कही तो ऐसा लगा मानो उसने इस देश की जनता के मन की बात कही हो। यह सोचने की बात है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ कि देश की जनता के मन में संसद में बैठे लोगों के लिए इतना गुस्सा और तिरस्कार है? संसद की ऐसी छवि बनाने के लिए कौन जिम्मेदार है- इस देश की जनता या संसद में बैठे लोग? सांसदों का सम्मान इस बात से नहीं घटता बढता कि उनके बारे में क्या कहा जाता है। उनका सम्मान उनके आचरण और व्यवहार से होता है। आज लोकसभा के अंदर 162 ऐसे सांसद हैं जिनके उफपर 522 आपराध्कि मामले दर्ज हैं। इनमें से 76 के खिलाप़फ संगीन आपराध्कि मामलें दर्ज हैं- 14 के खिलाप़फ हत्या के मामलें दर्ज हैं, 20 के खिलाप़फ हत्या करने की कोशिश के मामलें दर्ज हैं, 11 के खिलाप़फ ठगी के मामलें दर्ज हैं और 13 के खिलाप़फ अपहरण के मामलें दर्ज हैं। इसके अलावा कई सांसद ऐसे हैं जिन पर समय-समय पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हैं। जैसे- श्री सुरेश कलमाडी, श्री ए. राजा, श्रीमती कनिमोझी, श्री लालू प्रसाद यादव, श्री मुलायम सिंह यादव इत्यदि। यदि जन लोकपाल क़ानून होता तो कुछ और सांसदों पर भी आरोप तय हो सकता था। अब आप ही बताइए क्या ऐसे लोगों की मौजूदगी से संसद की गरिमा बढ़ती है या घटती है? इनमें कुछ लोग तो ऐसे हैं जिन्हें आप शादी-विवाह, त्यौहार में अपने घर बुलाने से भी कतराएं। क्या ऐसे लोगों के संसद में बैठने से संसद का अपमान नहीं होता? आखिर ऐसे लोगों को टिकट क्यों दी गई? सभी पार्टियां बढ़-चढ़ कर आपराध्कि पृष्ठभूमि वालों को टिकट दे रही हैं और हर आने वाले चुनाव में ऐसे लोगों की संख्या पिछले चुनावों से अध्कि होती है । जैसे 2004 में हुए चुनाव में 128 लोग लोकसभा में आपराध्कि पृष्ठभूमि के थे। 2009 के चुनाव में यह संख्या बढ़ कर 162 हो गई। इस गति से वह दिन 2 दूर नहीं जब संसद में आपराध्कि छवि के लोगों की संख्या बहुमत में होगी। तो जब किसी पिफल्म के हीरो के यह कहने पर कि डाकू तो संसद में रहते है, लोग तालियां बजाते हैं, तो हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए। संसद को इस हालत में पहुंचाने के लिए सभी पार्टियां जिम्मेदार हैं। 2009 में कांग्रेस ने आपराध्कि छवि के 117 लोगों को टिकट दिया, जिनमें 44 लोग चुनकर आ गए। भाजपा ने आपराध्कि छवि के 116 लोगों को टिकट दिया, जिनमें से 44 लोग चुनकर आ गए।
अन्य सभी पार्टियों ने भी बढ़-चढ़ कर दागियों को टिकट दिया। इनमें कई लोग ऐसे हैं जिनपर कोर्ट ने संगीन अपराधं के आरोप तय किये हैं। आखिर इन पार्टियों ने ऐसे लोगों को टिकट क्यों दिया? इन पार्टियों की ऐसी क्या मजबूरी थी? क्या इन पार्टियों ने ऐसे लोगों को टिकट देकर संसद का घोर अपमान नहीं किया? क्या इन पार्टियों को संसद का अपमान करने के लिए दंड नहीं दिया जाना चाहिए? कहा जा रहा है कि अभी तो इन सब पर आरोप हैं। कोर्ट में सभी आरोप सि( नहीं हुए। अभी मामलें चल रहे हैं। इस पर मेरा कहना है कि ये मामलें तो कभी खत्म होंगे ही नहीं। एक मामला निपटने में इस देश में तीस साल से ज्यादा समय लग जाता है। हमारे देश की न्याय व्यवस्था इतनी सुस्त और ढीली क्यों हैं? इसे दुरूस्त करने का काम भी तो सांसदों का ही था। सांसदों ने 65 साल में इसे दुरूस्त क्यों नहीं किया? क्या जानबूझकर नहीं किया? क्योंकि अगर न्याय व्यवस्था को दुरूस्त कर देते और ये सभी मामले जल्द निपट जाते तो क्या यह सच नहीं कि इनमें से कई लोग जेल चले जाते ? ऐसे में क्या इस शक को बल नहीं मिलता कि जब तक ऐसे लोग संसद में बैठे हैं तब तक हमारे देश की न्याय व्यवस्था दुरूस्त होगी ही नहीं? क्या इस शक को बल नहीं मिलता कि जब तक ऐसे लोग संसद में बैठे हैं, तब तक इस देश से अपराध् कम नहीं होगा? आप ही बताइए कि ऐसे सांसदों का मैं सम्मान कैसे करूं ? यह कहना ठीक है कि इन लोगों पर अभी आरोप हैं। आरोप अभी सि( नहीं हुए। मामले अभी लंबित हैं। ऐसा हो सकता है कि बीस साल बाद जब कोर्ट का निर्णय आए तो ये सभी निर्दो ष पाए जाएं। लेकिन ऐसा भी तो हो सकता है कि बीस साल के बाद जब कोर्ट का आदेश आए तो इनमें से कई लोग दोषी पाए जाएं।
अगर ऐसा होता है तो क्या यह अत्यंत चिंता का विषय नहीं है कि इतने वर्षों तक हमारी संसद में ऐसे हत्यारे, ठग और अपहरणकर्ता दे श के कानून बनाते रहे? आप कहते हैं कि मैंने संसद का अपमान किया है। मैं संसद का बहुत सम्मान करता हॅंू पर आप ही बताइए कि ऐसे सांसदों का सम्मान कै से करूं? एक वो संसद भी थी जिसमें श्री लाल बहादुर शास्त्राी ने एक ट्रेन दुर्घटना होने पर अपना इस्तिपफा दे दिया था। ऐसी संसद के लिए सब कु छ कुर्बान करने को मन करता है। लेकिन जो संसद आज है उसका सम्मान कैसे करुं? 29 दिसंबर, 2011 को संसद में लोकपाल बिल की चर्चा के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के सांसद श्री राजनीति प्रसाद जी ने मंत्री महोदय के हाथ से लोकपाल बिल छीन कर पफाड़ कर पफेंक दिया। क्या इससे संसद अपमानित नहीं हुई ? हम यदि संसद को जनतंत्रा का मंदिर मानते हैं तो क्या मंदिर में गीता पफाड़ने से भगवान का अपमान नहीं होता?
हद तो तब हुई जब एक भी सांसद ने खड़े होकर बिल को पफाड़ने का विरोध् नहीं किया। सभी सांसद मौन थे। सं सद अध्यक्ष भी मौन थे। संसद के सम्मान की दुहाई देने वाले आखिर मौन क्यों थे? ऐसा पहली बार नहीं हुआ। इस जनतंत्रा के मंदिर में कई बार पहले भी बिल पफाड़े जा चुके हैं। लेकिन कभी किसी को सज़ा नहीं दी गई। 3 क्या आपको नहीं लगता कि श्री राजनीति प्रसाद जी को सं सद के अंदर बिल पफाड़ने के लिए सख़्त से सख़्त सजा दी जाए। ऐसी सज़ा दी जाए कि भविष्य में कोई सांसद संसद के अंदर बिल पफाड़ने की हिम्मत न कर सके। राज्यसभा में ऐसे कई उद्योगपति सांसद हैं जिनका जनता या जनसेवा से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। कई ऐसे उद्योगपति पैसे के बल पर विभिन्न पार्टियों से टिकट लेकर संसद में आते हैं। ऐसे लोग अपने उद्योग को बढ़ावा देने के लिए संसद का दुरुपयोग करते हैं। जैसे श्री विजय माल्या जी किंगपिफशर के मालिक हैं। उन्होंने जनसेवा का कोई कार्य किया हो, ऐसा सुनने में नहीं आया। वह संसद की नागरिक उड्डयन स्थायी समिति के सदस्य हैं। इस समिति में बैठकर वे देश की नागरिक उड्डयन नीति बनाते हैं। जाहिर है कि वे ऐसी ही नीतियां बनाएंगे जिनसे किंगपिफशर एअरलाइंस को भरपूर पफायदा हो। क्या यह सीधे-सीधे संसद का दुरुपयोग नहीं है? राज्यसभा में तो ऐसे ढेरों सांसद हैं जो अपना उद्योग बढ़ाने के लिए संसद का सीधे-सीधे दुरुपयोग कर रहे हैं। क्या संसद का इस तरह से दुरुपयोग संसद का अपमान नहीं है? संसद में रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने का मामला सामने आया। यह तो संसद का सबसे घोर अपमान था। लेकिन ऐसे सांसदों को महज उनकी सदस्यता से बर्खास्त करके छोड़ दिया गया। रिश्वत लेना या देना आपराध्कि मामला बनता है। अपराध् सि( होने पर तो ऐसे लोगों को जेल जाना चाहिए था। इनकी सदस्यता बर्खास्त की गई- इसका मतलब इनके खिलाप़फ मामला साबित हो गया था। पिफर इन्हें जेल क्यों नहीं भेजा गया? केवल सदस्यता बर्खास्त करके क्यों छोड़ दिया?
संसद के इतने घोर अपमान के लिए अगर उस वक्त उन्हें सख़्त से सख़्त सज़ा दी गई होती तो भविष्य में कोई सांसद इस तरह का संसद का अपमान करने की कोशिश नहीं करता। चूंकि उस वक्त उन सांसदों को हल्की सज़ा देकर छोड़ दिया गया, इसलिए कुछ वर्ष बाद ही जुलाई 2008 में खुलेआम सांसदों की खरीद पफरोख्त का मामला सामने आया। जनतंत्रा के इस पवित्रा मंदिर में जनता ने सांसदों को खुलेआम बिकते हुए देखा। सारे देश की आत्मा रो पड़ी। जनतंत्रा रो पड़ा। संसद रो पड़ी। लेकिन सरकार बच गई। एक भी सांसद को अभी तक सज़ा नहीं मिली। क्या यह किसी देशद्रोह से कम था? क्या सांसदों का खरीदना और सांसदों का बिकना देशद्रोह से कम है? कैसे करूं ऐसे सांसदों की इज्जत?
ऐसा कितनी बार हुआ है कि संसद के अंदर माइक उखाड़कर पफेंक दिये जाते हैं।कुर्सियां उठाकर एक-दूसरे पर पफेंकी जाती हैं। कैसे करूं ऐसे सांसदों का सम्मान? एक तरपफ तो 8 बिल 17 मिनट मे बिना चर्चा के पास हो जाते हैं, दूसरी तरपफ आये दिन सांसदों के हो हल्ला और शोर शराबे के कारण सं सद का काम काज़ ठप रहता है। देश महंगाई और भ्रष्टाचार से जूझ रहा है। आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाप़फ आवाज़ उठाने वालों के कत्ल हो रहे हैं। जनता कराह रही है। इन सारे मामलों पर या तो संसद मौन रही या संसद में भाषणों की राजनीति हुई। कई वर्षों से बनी हुई इन समस्याओं से जनता को आजतक निजात नहीं मिली।
अमूमन इनमें से किसी भी समस्या पर संसद की आम सहमति नहीं हो पाती। मामले स्थायी समिति में लटकते रहते हैं। जनता कराहती रहती है। लेकिन जब इन सांसदों से संबंध्ति मामला होता है तो तुरं त सभी पार्टियों में आम सहमति हो जाती है। इन्हीं में से एक सांसद श्री शरद पवार जी को किसी ने थप्पड़ मारा ;थप्पड़ मारना गलत था, थप्पड़ नहीं मारना चाहिए थाद्ध तो सारे सांसद कराह उठे। सारी पार्टियों में आम सहमति थी। दो घंटे तक सभी नेताओं ने इसकी जमकर आलोचना की। जब-जब 4 सांसदों के भत्ते, उनकी सुविधएं बढ़ाने की बात होती है तो सभी सांसदों में तुरंत आम सहमति हो जाती है। ‘चोर की दाढी में तिनका’ यह मुहावरा कह देने भर से सारी पार्टियां एकजुट हो गई। इस छोटे से मुहावरे ने सांसदों को इतना आहत कर दिया कि कई घंटो तक संसद में इस पर चर्चा हुई। तो मन में एक विचार आता है- क्या कुछ सांसद जनता की बजाय अपने स्वार्थ की ज्यादा चिं ता नहीं करते? संसद के साथ-साथ विधनसभाएं भी जनतंत्रा का मंदिर हैं। ऐसे मंदिर में कुछ विधयक और उस राज्य के महिला एवं बाल विकास मंत्री अगर बैठ कर खुलेआम अश्लील पिफल्म देखते हैं, तो आप ही बताइए कैसे सम्मान करूं ऐसे विधयकों का? ऐसा नहीं कि इस संसद में अच्छे सांसद नहीं हैं। कई अच्छे सांसद भी हैं। और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूँ । पर ऐसे अच्छे सांसदों के आवाज़ें संसद की शोर शराबे मे खोती जा रही है।
जिस कथन पर मुझे यह नोटिस दिया गया है , उस कथन में मैंने कुछ अहम प्रश्न उठाये हैं। जिस संविधन ने सांसदों को क़ानून बनाने का अध्किार दिया है, उसी संविधन ने जनता को सांसदों से प्रश्न पूछने का भी अध्किार दिया है। प्रश्न उठते हैं कि जिस संसद में आपराध्कि छवि के इतने लोग हैं, क्या वह संसद अपराध् को खत्म करने के लिए कभी सख्त क़ानून बना पाएगी? जिस संसद में कई ऐसे लोग हैं जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है क्या ऐ से मे ये सं सद भ्रष्टाचार के खिलापफ सख्त क़ानून बना पाएगी। जिसके लागू होने से कुछ सांसदों के लिए ही परेशानी खड़ी हो जाये? जन लोकपाल बिल आंदोलन के दौरान इस देश की जनता एक सशक्त क़ानून की मांग लेकर सड़क पर उतरी लेकिन जब सरकार और संसद सशक्त क़ानून देने से कतराते नज़र आने लगे तो जनता ने ये प्रश्न पूछने चालू किये। जनता के मन में प्रश्न है कि क्या जन लोकपाल बिल आयेगा?
इन बातों से सापफ ज़ाहिर है कि संसद का अपमान मैंने नहीं बल्कि संसद के भीतर बैठने वाले कुछ लोग लगातार कर रहे हैं, जिन पर विश्वास करके इस देश की जनता ने जिन्हें अपना भविष्य सौंपा था। मैंने जो कुछ भी कहा वो सिपर्फ तथ्य थे। मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा। मैंने तो सिपर्फ जनता के प्र श्नों को उठाया है। यदि आपके कानून की नज़रों में मैं दोषी हूँ तो मैं उस कानून के तहत सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूँ । यदि आप मुझे अपने कानून के तहत दोषी पाएं तो मेरा आपसे निवेदन है कि सज़ा सुनाने से पहले मुझे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपनी बात कहने का मौका जरूर मिलना चाहिए।
भवदीय, अरविंद केजरीवाल
403, गिरनार, कौशाम्बी, गाज़ियाबाद, उ..प्र.
RCM Members Ansan With Anna Hazare Team
Hi guys
Do you know that on 25 March, 2012 RCM members also joined the team Anna in the one day ansan? All the RCM distributors came from the West Bengal.
Team Anna – Team Anna Hazare Members
Here is the list of the Anna Hazare team members.
Anna Hazare
Kiran Bedi
Shanti Bhushan
Arvind Kejriwal
Manish Sisodia
There are numbers of other names in this list.
Anna Hajare Next Ansan 25 March 11 Am
Anna is bar to aar ya par hoga. Is bar agar sarkar ne hamara bil pass na ki to upa sarkar ka desh se safaya ho jayega. Waise v rail budget k karan sarkar par khatra bana hai.
Anna aap aage bado hum tmhare sathe he
25 March 11 Am jantar mantar me
Anna ji tum sangarsh karo ham tumhare sath h
Pradeep Chandra Is baar bill pass nhi hua to sonia or manmohan ki maa ki aankh kr denge
Gali Gali Chor Hai Movie Review
Gali Gali Chor Hai is an upcoming movie. This movie is based on the corruption in India. Aakshay Khanna is in the lead role of this movie. Anna Hazare has been also watched this movie. He was really impressed with this movie.
Email ID of Kiran Bedi Retired IPS Officer
Hello to all Indians
I want email ID of Kiran Bedi who is a retired IPS officer. She is a very good lady. She is fight against corruption in India with Anna Hazare and Arvind Kejriwal. I want to give best wishes to her. Please give me Kiran BEdi’s personal email id.
Email ID of Arvind Kejriwal
Hello friends…
Please give me the personal email id of the Arvind Kejriwal who is a friend of Anna Hazare.